एक तरफ स्मार्ट सिटी योजना के तहत 35 करोड रुपए से गंदा नाला साफ किया जा रहा है और दूसरी तरफ इसमें सीवरेज का पानी गिराया जा रहा है। शुक्रवार को राज्यसभा सांसद ने जालंधर के अधिकारियों की इस मामले में मीटिंग ली और सख्त रुख अपनाया है।
सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों को काला संघिया ड्रेन को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। ड्रेन को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संत सीचेवाल ने नगर निगम जालंधर, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों से नाले में सीवरेज के सीधे प्रवाह को रोकने के लिए समन्वित रणनीति अपनाने का आग्रह किया। सांसद ने जोर देकर कहा कि ड्रेन को प्रदूषित करने वाले व्यक्तियों या उद्योगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने जालंधर नगर निगम और पीपीसीबी को उचित स्लज प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया और पर्यावरण मानदंडों का पालन नहीं करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी।
औद्योगिक इकाइयों की सख्त निगरानी की आवश्यकता पर बल देते हुए, संत सीचेवाल ने अधिकारियों को औद्योगिक निर्वहन प्वाइंट्स की निगरानी करने और प्रदूषण कंट्रोल दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का निर्देश दिया। एक महत्वपूर्ण कदम में, उन्होंने जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स में एक जल उपचार संयंत्र को चालू करने के लिए भी कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेयरियों से केवल उपचारित पानी ही ड्रेन में जाए।
इसके अलावा, वरियाना में जैव-खनन परियोजना की प्रगति और जमशेर में बायोगैस संयंत्र के प्रस्ताव की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के पर्यावरण में सुधार करना है। उन्होंने जालंधर नगर निगम को दिशा-निर्देशों के अनुसार पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया क्योंकि अतिरिक्त पानी की आपूर्ति एसटीपी और ड्रेन के कामकाज में बाधा डाल सकती है। इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर बुद्धिराज सिंह, जिला राजस्व अधिकारी नवदीप भोगल तथा विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।